समाजसेवी सतीश यादव और सेवा भारती द्वारा रैली का स्वागत – संत बाबा गुरु घासीदास की जयंती पर समारोह

सारंगढ़: सतनाम धर्म के प्रणेता, संत बाबा गुरु घासीदास की जयंती 18 दिसंबर को नगर में धूमधाम से मनाई गई। इस विशेष अवसर पर, सतनाम धर्मानुयायी समुदाय द्वारा एक भव्य रैली का आयोजन किया गया, जो गुरु घासीदास के सिद्धांतों और उनके संदेश को लोगों तक पहुंचाने का एक सशक्त प्रयास था।
रैली का स्वागत सेवा भारती के अध्यक्ष सतीश यादव ने किया। शाम के समय, भारत माता चौक के पास सतीश यादव ने रैली का स्वागत फूलों की वर्षा और मिष्ठान वितरण के साथ किया। इस दौरान रैली में शामिल युवाओं और महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और रैली के माध्यम से संत बाबा गुरु घासीदास के उपदेशों और उनके जीवनदर्शन का प्रचार किया।
संत बाबा गुरु घासीदास का जीवन और संदेश
संत बाबा गुरु घासीदास का जीवन मानवता की सेवा और समाज के उत्थान के लिए समर्पित था। बाबा ने लोक कल्याण और समाज में समानता की स्थापना के लिए कठोर तप साधना का मार्ग अपनाया। उनका मानना था कि समाज में व्याप्त अंधविश्वास, भेदभाव और असमानता को समाप्त करने के लिए सत्य, अहिंसा और भाईचारे का मार्ग अपनाना चाहिए। बाबा के मार्गदर्शन में, उन्होंने मानवता की सेवा और सामाजिक सुधार के लिए अपना जीवन समर्पित किया।
रैली के दौरान, संत गुरु घासीदास के अनुयायी उनके सत्य, अहिंसा और समाज में एकता के सिद्धांतों पर चलने का संकल्प लेते हुए समाज के लोगों को उनके बताए हुए आदर्शों का पालन करने का संदेश दे रहे थे। रैली का उद्देश्य लोगों के बीच गुरु घासीदास के विचारों का प्रसार करना और समाज में एकता, समानता और भाईचारे का वातावरण बनाना था।
समाज में सुधार की दिशा में कदम
संत बाबा गुरु घासीदास का जन्म दिवस केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं था, बल्कि यह एक सामाजिक जागरूकता का अवसर भी था। रैली में शामिल लोग इस अवसर पर अपने जीवन में सत्य और अच्छे कार्यों को अपनाने का संकल्प ले रहे थे। समाजसेवी सतीश यादव और सेवा भारती की पहल ने इस दिन को और भी यादगार बना दिया, जिससे समुदाय के लोगों को उनके धार्मिक और सामाजिक दायित्वों का अहसास हुआ।
निष्कर्ष
संत बाबा गुरु घासीदास की जयंती पर आयोजित रैली न केवल उनके धार्मिक संदेश को फैलाने का माध्यम बनी, बल्कि यह समाज में एकता, प्रेम और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देने का भी एक सशक्त प्रयास था। इस तरह के आयोजनों से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं। इस रैली ने गुरु घासीदास के विचारों और उनके जीवन के आदर्शों को नया रूप दिया और समाज के हर वर्ग को उनके मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।